- 182 Posts
- 458 Comments
इस पोस्ट को देखने से आप मर्द लोग नाराज न हों ,यह सभी के लिए नहीं कहा जारहा है.आज कल चर्चा में गीतिकाशार्मा और गोपाल कांदा जो मंत्री रहे हैं ,की चर्चा जोरों पर है इसलिए यह बात किये बिना नहीं रह सक पा रहा हूँ .यह गोपाल कांदा वही वहशी है जिसने एक जरूरत मंद,लड़की गीतिका शर्मा का शारीरिक शोषण करके उसको आत्महत्या करने पर विवश किया.और अब देश से भाग गया है.न जाने कितनी और लड़कियों की ह्त्या की होगी?यह तो समय ही बताएगा!और इसमे हाथ भी है तो औरत का, जिसने उसे न तो सावधान किया और न ही बचाया. क्योंकि वह इस भेरीये को अच्छी तरह जानती थी.फिर यह भी कहा जाता है की औरत में यह गुन होता है की वह मर्द की आहट से उसकी नियत जान जाती है.फिर लोभ में आयी गीतिका शर्मा को इस कदर फंसा दिया की वह कुछ न कर सकी! और मौत का रास्ता अपना लिया उसने. .इस प्रकार गीतिका की मजबूरी का फायदा उठाया इस सरकार में रहे मंत्री ने?आजकल कालेज के प्रोफ़ेसर,होस्पीटल के डाक्टर,जो लड़कियों को पढ़ाते हैं,उन्हें नंबरों का लालच देकर फंसाते है ,इसके अलावा कारपोर्टर जहां ये लड़किया काम करती है, यही हो रहा है.क्या ये लोग इन लड़कियों में अपनी बेटी की छवि नहीं देखते ?यदि गोपाल कांदा इस लड़की की मदद करने के बदले यदि कुछ ऐसा नहीं करता,जिससे वह आत्महत्या को मजबूर होती , तो गीतिका की नजर में वो भगवान नहीं बन गया होता?तब उसे खुद भी अछा लगताऔर अपनी नजर में भी महान हो जाता,कहावत है “जो अपनी नजर में गिरा वह सब की नजर में गिरा.” ,पर क्यों करता वो ऐसा ? वह तो आदमी के रूप में शैतान ही था!इस प्रकार हर मर्द जब किसी लड़की को देखता है तो लार टपका देता है और जब उसे बेसहारा और जरूरत मंद जान लेता है तब वही करता है जो कांदा ने किया!महाभारत की कथा के अनुसार जब पांडवों को अज्ञातवास हुआ तो अर्जुन विराट के यहाँ खाना बनाने के काम की नौकरी करने लगा, खाली समय में संगीत और नुर्त्य का भी अभ्यास करता था. जब राजा को मालूम हुआ तो उसने अर्जुन से कहा मेरी बेटी उत्तरा को भी संगीत सिखाओ,वह नौकर था,राजा विराट को मना नहीं कर सकता था . संगीत सीखते सीखते कुछ समय में वह संगीत में दक्ष हो गयी, अज्ञातवास के बाद राजा को मालूम हुआ की यह तो पांडू पुत्र अर्जुन है, तब माफी माँगते हुए अपनी बेटी से विवाह का प्रस्ताव प्रस्ताव रखा पर पांडू पुत्र ने कहा- राजकुमारी उत्तरा मेरी शिष्या है और शिष्या तो बेटी ही होती है ,बेटी से कोई शादी कैसे कर सकता है?राजन ! एक यह उद्धाहरण है और एक आजकल का हाल देखें.हर मर्द की नजर भूखे भेरिये की तरह है ,वह आदमी की खाल में भेरिया है फिर जवान हो ,बुड्ढा हो,टीचर हो,दरजी हो या कोई और ,लड़की देखी और उसके स्पर्श को,शरीर को नज़रों से नापने को आतुर हो जाता है इसीलिये कहा है की मर्द बड़े कमीने होते हैं.बुद्धो के लिए भी तो एक शेर कहा है –‘कौन कहता है की बुद्धे इशक नहीं करते अरे ये इशक तो करते है, पर इन पर कोई शक नहीं करते!’यह गोपाल कांदा है जिसने पूरी मर्द जाती पर कलंक लगा दिया. आज से हर मर्द पर, कोई लड़की क्या विश्वास कर सकेगी?नहीं ,क्योंकि मर्द बड़े कमीने होते है ,लड़कियों के मामले में मर्द जात कमीनी होती है!
Read Comments