अब साफ़ हो गया है की बी.जे.पी. का असर और भभकी किसी काम की नहीं रही ,इसलिये मन मोहन जी ने कह दिया की वे स्तीफा नहीं देंगे! क्या फिर कभी यह अवसर मिलेगा? सो हो जाओ सखत! यह सही है की आज कांग्रेस का प्रभाव ख़त्म हो गया है,पर बी,जे,पी ही आयेगी यह कहना सही नहीं होगा? इसका कारण आपसी फूट और वरिष्ठता को नजरअंदाज करना भी है.इसके अलावा नितिन की गलत नीति भी है कुल मिलाकर संघ ,ने इसे बर्बाद किया,नितिन जी को अध्यक्ष बना कर, आज बी,जे,पी कही की नहीं रही इसलिए यह कहावत की “नाच रहे थे भांड पतुरिया, कूद पडा सन्यासी” चरितार्थ न हो जाये? न कांग्रेस आ पाए न ही बी,जे,पी! अब जो लोग मोदी जी की उम्मीद समझ रहे है वे न भूले की नितीश यदि उनके रास्ते से हट जाए तब कुछ हो सकेगा,सो नितीश,मोदी को पी.एम् होने नहीं देंगे!अब हम तो बी.जे पी नेताओं में सबसे समझदार मानेगे उन लोगों को पी.एम् की दौडी में है ही नहीं, नाएद्यु जी,जोशी जी.नकवी जी और शाह नवाज हुसैन साब.बाकी रहे पी एम् की दौड़ वाले आडवानी जी,सुषमा जी, जेटली जी, राजनाथ जी,नितिन जी, ये कैसे भी नहीं चाहेंगे की मोदी ” मोती” बन कर चमक जाए! अब सन्यासी इन भाँड़ो के नाच में कौन होगा? यह तो समय ही बताएगा! शायद मुलायम ही हो?जो बिहारी के अनुसार “देखन में छोटे लगे घाव करे गंभीर ” आज मोदी जी सफल सी ऍम माने जा रहे है जरूर, पर जो सी एम् सफल हो वह पी. एम् हो कर भी सफल होगा यह जरूरी नहीं है? मोदी और नितीश जी में कोई फिक्सिंग हो जाए तो ही बात बन सकती है..पर कांग्रेस ऐसा होने दे तब न?
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