दुनिया में लोग पैदा होते हैं और आकर मर जाते हैं.पर कुछ लोग अमर कहे जाते हैं ,अमर हो कर जाते हैं!उन्हें सदियों तक भुला पाना संभव नहीं होता,यही लोग हैं जिनका जीना, जीना है इनमे याद किये जाने वालों में फिर दो तरह के होते हैं -एक जो अच्छे कामों के लिए और दूसरे वे जो अन्य कामों कारणों ( बुरे ) के कारण याद किये जाते हैं! दोनों ही जाते वक्त सब यही छोड़ जाते हैं ,फिर क्यों यह सब किया जाता है? क्यों न ऐसा काम किया जाए की दुनिया सदियों- सदियों तक न भूल सके! हमारे वर्तमान पी. एम. साब को भी याद किया जाएगा ( ? ) क्योंकि देश के प्रधान मंत्री हैं! एक लाल बहादुर शास्त्री भी थे ,एक गुलजारी लालनन्दा जी थे, .एक बाजपेयी जी भी हैं ,इसके अलावा नेहरू जी भी थे,इन्द्रा जी भी थीं , जो आजीवन इसी पद पर रहे ,भले उन पर कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है ,पर क्या उन्हें सम्मान से ऐसे देखा जा सकेगा? जैसे लालबहादुर शास्त्री जी या नंदा जी या फिर हम बाजपेयी जी को याद करते हैं या देखते हैं? आज देश पर ,आजादी के लिए मर जाने वालों को याद करते है उनके सम्मान में सीस झुकाते है, नमन करते हैं,कैसे न भाव जागते हैं उनके लिए,कैसी न प्रेरणा लेते हैं उनके चरित्रों से? गांधी जी को तो राष्ट्र पिता ही माना जाता है और शायद जब तक यह धरती रहेगी उन्हें इसी नाम से जाना जाता रहेगा,भारतीय मुद्रा के हर नोट, हर सिक्के पर उनका नाम और छवि है , जो हर भारतीय के सीने से लगी रहती है.आज हम उन्हें याद करते हैं पर क्यों हमारे मनमोहन जी इनसे सबक नहीं लेते क्या तमाम धन इकट्ठा कर कहाँ ले जायेंगे ,उन्हें यह मालूम होना चाहीये की कफ़न में जेब नहीं होती,या कफ़न में जेबों को बनाने का कोई प्राविधान है ही नहीं,आप का चरित्र ऐसा होना चाहीये की आरोप की तरफ इशारा भी हो तो एक दम कुर्सी से हट जाओ! परन्तु मैडम जो हैं, क्या मैडम आपकी छवि बनाए रखने में सहायक होंगी?.नहीं, कभी नहीं! आज न जाने कितने नेता आरोप में फंसे हैं,उन्हें जेल भी हुई है,राजा नाम, काम चोरों का,कलमाडी,गोपालकान्दा,एन.डी.तिवारी,मद्रेना,अमरमणि त्रिपाठी,चंदर मोहन,नैना सहानी,शहला मसूद,को भी याद तो किया जाएगा पर कैसे? आप सोच लें .इनके आने वालों को शर्म आयेगी की हम इनकी संतान हैं.माननीय मनमोहन सिह जी आप भले विवेकानंद न बने , पर ऐसे तो न बने की आप का नाम ही लेते हर भारतीय को शर्म महसूस हो!,हम आपको ससम्मान्न याद करते रहें इसलिए आपका आदर सहित नाम लेने औए याद किये जाने वालों में नाम देखना और सुनना चाहते हैं,आप देश को कुछ न कुछ दे जाएँ ,अब भी समय है प्राश्चित का ,आप जनता द्वारा अपना नाम याद किये जाने वाले लोगों और “शाम को भूला घर लौट आये तो उसे भूला नहीं कहा जाता है “के सिद्धांत पर लौट आईये , याद किये जाने वाले लोगों वाली लिस्ट में अपना नाम लिखवा दीजिये.
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