एक बहुत ही चर्चित शेर याद आ रहा है– “बड़ा लुत्फ़ आ रहा था दिलबर से दिल्लगी लगी का ,हमी से पर्दा था और हमी पर ही नजर थी ” आजकल ‘शीर्षक विषय’ पर बहुत ही बहस हो रही है और तो और इसमे भाग लेने वाले बहुत रूचि ले रहे हैं, जिससे हम को भी बहुत मजा आ रहा है और कहने, सुनाने को अकाट्य बिंदु भी मिल रहे हैं !,तभी तो उक्त शेर कह कर सुनाने को मन चाह रहा है, सो लिख दिया! खैर अभी तो कुछ नहीं हुआ है पर वही बात हुयी की–“जली तो जली पर सिकी भी खूब ” इतनी बहस के बाद एक खुदरा व्यापारी ने अपने बहुत ही सुन्दर विचार देकर ‘मालवार्ट’ के प्रति किसी भी तरह की कोई चिंता या तनाव नहीं दिखाया है,सही हैं उनके तर्क! आप भी सुनना चाहें तो हाजिर हैं यहाँ आपके लिए —उनका कहना है की हम अपने ग्राहकों को उधार भी देते है,उनके घर पर होम डिलेवरी करते है,यहाँ तक की हम उनके सामान को दुकान के बाहर खड़ी उनकी कार में अपने नौकर द्वारा रखवा भी देते है, .तो क्या ‘वालमार्ट’ यह सब करेगा?, ‘नहीं’ में जवाब की अपेक्षा कर वे आगे कहते है, की हम दुकान वालों को बिलकुल भी चिंता नहीं करनी चाहिए!, हाँ पहले ये ग्राहक शौक के कारण ‘वालमार्ट’ जायेंगे, जरूर पर फिर लौट कर हमारे पास ही आएंगे! खुलने दो जितने भी ‘माल वार्ट’ खुलने हैं? क्या न साहस है इस भाई में? यदि लाला जी ने ये बात पहले बतायी होती तो क्यों इतने लोगों का नुकसान होता भारत बंद करवाने में? क्यों ममता को धमकाना पडा होता सरकार को और क्यों समर्थन वापिसी की बात होती? यह भी सही है की ममता जी ने के बाद मुलायम जी ममता जी से भी अधिक सांसदों को ले कर लाइन में खड़े हैं सो मनमोहन की मनमानी चलेगी ही , उन्हें कोई नहीं रोक सकता है ! पर मै कहता हूँ की इस गलाकाट प्रतिस्पर्धा के चलते यदि वालमार्ट ने भी वे सभी सुविधाएं अपने ग्राहकों को मुहैया करा दी तो क्या होगा लालाजी की दुकानों का? हाँ ,यह तो है की आप को भी वालमार्ट की तरह ग्राहकों से बिका हुआ माल वापिस लेना होगा कई कई दिन पहले लिया हुआ! जैसा वालमार्ट करता है! और सब जगहों के बोर्ड हटवाने होंगे जिस पर ‘बिका हुआ माल वापिस नहीं होगा,लिखवा दिया है आपने और आप जैसे अन्य लालाओं ने! हाँ आप अपने ग्राहाको को उधार दे कर आकर्षितजरूर कर सकते हैं ,जब की वालमार्ट में ऐसा नहीं होगा’ खरीदे हुए सामान की वापिसी पर आपको न तो मुंह बानाना होगा, न ही यह कहना, की शाम को आओ,बोहनी नहीं हुयी है,या हफ्ते में केवल फलां ,एक दिन ही यह खरीदा हुआ सामान वापिस होगा आदि-आदि! या फिर बदले मै पैसे नहीं मिलेंगे ,कोई और सामान लेना होगा?आदि-आदि! ये सब बहाने आपके ग्राहाकों को आप से दूर करेंगे,इसको क्या सह सकेंगे? जब की वालमार्ट ऐसे बहाने नहीं करता,यह भी जान लें लालाजी! मै अमेरीका में हूँ और भारतीय भी हूँ, यहाँ की यह ईमानदारी और परम्परा जानता हूँ, इसलिए कहा रहा हूँ,फिर कभी कभी तो भारतीय लाला लोग साफ़ मुकर जाते हैं और कहने से शर्म भी नहीं करते की खरीदा हुआ सामान उनकी दूकान का नहीं है, कारण की भारत मे सामान के साथ कैश मीमो तो दिए जाने की परम्परा ही नहीं है, जब की वालमार्ट में बिना कैश मीमो के सामान मिलता ही नहीं है मायने यह की सामान के साथ कैश मीमो जरूर मिलता है! आपकी भीड़ वाली दूकान पर आपको सामान के साथ उसी वक्त कैशमीमो भी देना होगा! हाँ आप अपने ग्राहाकों को उधार देकर आकर्षित जरूर कर सकते है,जब की वालमार्ट यह नहीं कर सकेगा! इसमे आप की जीत हो सकती है! अमेरीका में बड़े बड़े रास्ते हैं ,यहाँ बड़ी- बड़ी कारों को रखने की सुविधाएं भी हैं कारण की यहाँ के लोग पूरे हफ्ते का सामान एक दिन में खरीद कर इन बड़ी गाडीयों में भर कर ले जाते , है जब की यह बात भारत में संभव नहीं होगी और आपके गलियों की दुकानों पर ये वालमार्ट शौक़ीन ग्राहक तो आपकी दुकानों पर तो आ ही नहीं सकेंगे?,इसके विपरीत आपके ग्राहक वहां जा ही नहीं सकेंगे तो यहाँ आपकी जीत ही है! आप ने ठीक ही कहा है की वालमार्ट से आपको कोई भी नुकसान नही होगा? आप खुदरा व्यापारियों को वालमार्ट से कोई खतरा नहीं है नहीं हो सकता है! करने दो मनमोहन को मनमानी! जनता की या विरोधी पार्टियों की क्या बिसात की रोक लें सरकार को? अब सरकार को गिरने का भी खतरा नहीं है!
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