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श्राद्ध पक्ष का अर्थ और महत्व ?

सपाटबयानी
सपाटबयानी
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आज से अगले १५ दिन का समय श्राद्ध पक्ष माना जाता है! मै कोई पंडित या इस विषय पर अधिकार नहीं रखता हूँ,पर अपनी जिज्ञासावश लिखकर आपलोगों से जानकारी चाहूंगा! अपने बुजुर्गों माता- पिता, बाबा,दादा-दादी जिनका स्वर्गवास हो चुका है ,साल के इस पक्ष में उन्हें याद कर,कुछ ब्राहमणों को भोजन,खिला कर उन्हें वस्त्र देकर,या और अपनी सामर्थ्य के अनुसार,धन आदि देकर उन्हें याद करने के साथ आशीर्वाद लिया जाता है! कहा जाता है की ऐसा करने से यह सब उनके पास स्वर्ग में पहुंचता है! और उनकी आत्मा प्रसन्न रहती हैं! यह है इस पक्ष का मोटा-मोटा अर्थ!
मै पूछता हूँ की पंडित को देने और खिलाने से यह सब उनके पास तक कैसे पहुंचता होगा? जवाब मिलता है की जैसे अमरीका में बैठे-बैठे आप भारत मे घरवालों को डॉलर्स बैंक द्वारा भेजते है और बैंक वाला बटन दबाता है , तो ये रकम रुपये बनकर घरवालों के खाते में पहुंच जाती है,जब यह पैसा पहुँच सकता है तब खिलाने का फल क्यों नहीं ? ,जवाब तो अकाट्य है! पर जब रुपये भेजने की यह व्यवस्था नहीं थी तब क्या जवाब था इस सवाल का? मतलब की पंडित को देने और खिलाने का फल हमें कैसे मिलेगा? समझ से बाहर है! फिर भी आज तक इस परम्परा का चलन है सो किया जाता है! वैसे यह भी दान है, किसी न किसी बहाने ही सही! कोई फर्क नहीं पड़ता!
अब एक और प्रशन है–मेरी माता श्री मेरे दादा,दादी का श्राद्ध करती थीं ,मेरी पत्नी मेरे माँ-बाप का,फिर मेरा और मेरी पत्नी का श्राद्ध मेरी पुत्रवधू जब करेंगी तो उस समय मेरे माँ बाप का क्या कोई भी श्राद्ध नहीं करेगा? तब क्या होगा? एक पीढी तक ही यह किया जाता है? तो पूर्व के हमारे लोगों को कैसे यह सब मिलता होगा?क्या इस से पाप नहीं लगेगा? यदि ऐसा है तो क्या है इसका जवाब पंडों के पास? हालांकि पण्डे कोई न कोई जवाब देंगे ही इसका,जो करना मुश्किल या बहुत ही खर्चीला होगा!
अब एक आख़िरी बात और-हर माह मै ३०,३१ दिन होते हैं ,लेकिन यह पक्ष केवल १५ दिनों का? जब की मरने वाला पूरे माह के किसी न किसी दिन मरता ही होगा? न की केवल इन १५ दिन मे? पता करने पर तिथियों की बात की गयी जो की गले नहीं उतरी? शायद इस पक्ष मे बंधनों के कारणों से जल्दी मुक्ति पाने के कारण ही यह व्यवस्था की गयी होगी! मै इस पक्ष मे अमेरीका मे हूँ, यहाँ तो यह सब होना सरल नहीं होता! पर मेरे बेटे ,बहु यह सब करेंगे भारत मे! और मै उस दिन यहाँ से अपने स्वर्गवासी पितामहों का आशीर्वाद ही लूंगा!
मै इस सम्बन्ध मे अपनी जानकारी के लिए और कुछ चाह रखता हूँ यदि आप लोग समाधान कर सकें तो आभारी हूँगा!

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