आजकल भौतिकवाद युग में पैसे का महत्त्व बढ़ने लगा है, सब लोग इस पैसे के लिए दौड़े जा रहे है ! अनपढ़, अमीर, गरीब, पढ़ा लिखा, डाकतर्स ,इंजीनेयार्स और सब के सब पैसे के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार बैठे है! आजकल कन्या भ्रूण हत्याओं के बारे में बहुत सुनने में आता है और यह काम किया जा रहा है उन लोगों द्वारा जिन्हें लोग भगवान् मानते थे! आज की परिभाषा में उन्हे ‘डाकतर्स’ कहा जा रहा है! हर जगह उनके क्लिनिक्स और नर्सिंग – होम्स पर भले ही यह लिखा मिल जाएगा की “यहाँ ‘लिंग- परीक्षण’ नहीं होता, यह एक दंडनीय अपराध है!” पर इसका अनुपालन इन्ही डाकतर्स द्वारा ही नहीं किया जाता ! क्या इनके बिना कोई ‘लिंग- परीक्षण’ या ‘गर्भ- पात’ होना संभव है? आप जानते ही है , उनकी इस माया या लीला को ! इनके पास चले जाए और लिंग परीक्षण के लिए आप की पूरी मदद करेंगे और आप जैसा चाहेंगे वैसा ही करेंगे! इन्हें तो इस प्रीतिबंधित कार्य पर और बढ़ा कर पैसा जो मिल जाता है! क्या आज शराब- बंदी वाले राज्यों या देशों में शराब नहीं मिलती? हां मिलती जरूर है ,पर पैसा ज्यादा लगता है! इन कामो में लगे दलालों के भी परिवार जो पलते है! इस तरह डाकतरो को सुपाड़ी ले कर हत्या करने वाला कहा जाए तो कोई कम नहीं है! अब आप भूल जाईये की इन जगहों पर न केवल ‘कन्या भ्रूण’ हत्याए ही होती है पर ‘बेटे भ्रूण’ की हत्याए भी होने लगी है और यह सब इन हत्यारों द्वारा ही किया जाने लगा है! कैसे ? जानिये– आप डाक्टर पर भ्रूण- लिंग के लिए जायेंगे, वे जानते है की आप लड़की नहीं चाहते है सो लडके होने पर भी ये उसे लड़की बता कर आपको गुमराह करते है और उन्हें, आपसे लिंग परीक्षण का पैसा तो मिल ही गया! अब लड़की बता कर आपको ‘अबोर्शन’ के लिए प्रेरित कर और पैसा वसूलते है! उन्हें तो पैसा चाहीये ही! उन्हें इससे कोई मतलब नहीं होता की वे लडके की चाह में आये हुए के साथ धोखा कर रहे है! और लड़का होने पर भी उनकी ह्त्या ही कर देने को तवज्जो देते है! उन्हें तो बस ” बीवी मरे या मिया मरे , हलुए खाने से मतलब!” अब आप समझ ले की क्या ‘कन्याओं’ की आढ़ में ‘बेटो’ की भी हत्याए नहीं हो रही है?! यहा यह भी स्पष्ट कर दू की सब डाकतर्स ऐसा नहीं करते ! जब यह खूब प्रचारित हो जाएगा, तो ऐसा कार्य करने वालो की संख्या बढ़ने लगेगी!
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