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हमारे देश में सबसे बड़े राज्य की सरकार पूरी तरह नाकाम ही रही है! नए मुख्यमंत्री पूरी तरह फेल ही है हम उन्हें बिहार की पूर्व मुख्य मंत्री राबरी देवी कहें तो गलत नहीं होगा! बल्कि ये तो राबरी देवी से भी गए बीते है! राबरी तो लालू जैसे अति तेज तर्रार नेता के कहने पर चलकर काम करती थीं पर अखिलेश तो खप चुके मुलायम जो की पूरे तरह ही मुलायम हो चुके और किसी सलाह देने योग्य भी नहीं रहे! और जो कोई सलाह भी नहीं दे सकते, के बिना काम ही नहीं कर सकते! पहले के फैसलों के यूं टार्न लिए गए इनके फैसले इनके उद्धाहरण हैं! हर दबग नेता उन्हें डराकर अपना उल्लू सीधा कर रहा है तभी तो राज्य के नगरों और महानगरों की हालत बाद से बद्दतर हो चुकी है! आगरा, इलाहबाद, बरेली, कानपुर में न तो कोई व्यवस्था है, न ही कोई अंकुश ! अब लगता है की मायावती की सरकार कैसे खराब थी? लोगों को एक भय तो था! मै आगरा का ही रहनेवाला हूँ , आगरा में आप कही भी चले जाओ, यातायात की क्या हालत है आप सुन या देखकर काँप जायेंगे! सड़कें खुदी हैं, कहीं से भी रास्ता है ही नहीं निकलने का! कोई कही से भी जा और निकल ही नहीं सकता! अखिलेश जी बस मंत्रियों को कहने या आदेश दे पाने की स्थिति में हैं ही नहीं !पूरे देश में यदि अव्यवस्था का आलम देखना है तो आदर्श नमूना आगरा महानगर का ही हो सकेगा! बसों को ला कर जनता का हित तो किया है, पर एम् जी रोड पर जहां चांहे बसे बीचों बीच खडी हो कर रास्तो को रोक लेती है! क्या फ़ायदा ऐसी बसों का? मैं समझता हूँ की इस नवयुवक अखिलेश में ज़रा सी भी शर्म है तो गद्दी को छोड़ देना चाहीये! पर ये नए नेता भी तो अन्यों की तरह बेशर्म जो हैं! यहाँ पानी बिजली की तो हालत का जिक्र करना अपना समय खराब करना है! हर चौराहे पर भीड़ का आलम कैसा है ,कहने की जरूरत नहीं, सिपाही केवल दिखाने को रहते है उनकी कोई मानता ही नहीं, और उनका ध्यान स्कूटरों वालों से पैसे बटोरना हैं! मुलायम जी को अपने बेटे को समझाना चाहिये की क्यों बाप का नाम बदनाम कर रहा है? बाबू लोग सीटों पर होते नहीं हैं अहर आदमी निराकुश बना हुआ है! कलेक्ट्री में पास पोर्ट आफिस पर कोई होता नहीं, एक चपरासी की कहने को ड्यूटी है पर वो अपने कमरे में ताला लगाकर यहाँ वंहा घूमत फिरता है और लोग भटक कर वापिस हो जाते हैं! कहाँ तक गिनाये अखीलेश की नाकायाबीयों को, समझ से परे है! सबसे नाकायाब है ये मुख्य मंत्री!
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